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2 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन, वीरेंद्र मिश्रा

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इस बार के रील टु रियल के एपिसोड में हमने एक्टर्स और प्रोडक्शन हाउस के बीच कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रोसेस को जाना है। - Dainik Bhaskar

इस बार के रील टु रियल के एपिसोड में हमने एक्टर्स और प्रोडक्शन हाउस के बीच कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रोसेस को जाना है।

फिल्म इंडस्ट्री में हर एक्टर और प्रोडक्शन हाउस के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट बनता है, जो उनके काम से जुड़ी हर बात तय करता है। यह कॉन्ट्रेक्ट सिर्फ फीस तक सीमित नहीं रहता है। इसमें उनके काम के घंटे, शूटिंग की शर्तें और उनकी इमेज से जुड़ी बातें भी शामिल होती हैं।

रील टु रियल के इस एपिसोड में हम समझेंगे की एक्टर्स और प्रोडक्शन हाउस के बीच कॉन्ट्रैक्ट्स कैसे बनते हैं? इस प्रोसेस को पूरी तरह से समझने के लिए हमने एक्टर अमर उपाध्याय, एडवोकेट और मीडिया एंटरटेनमेंट कानून विशेषज्ञ रोहित प्रधान और सेलिब्रिटी एडवोकेट सुविज्ञ विद्यार्थी से बात की।

कॉन्ट्रैक्ट में क्या-क्या चीजें शामिल होती हैं?

कॉन्ट्रैक्ट में पेमेंट के अलावा इस बात का भी जिक्र होता है कि एक्टर्स को शूटिंग के दौरान किस तरह के मेकअप रूम की सुविधा दी जाएगी। अगर शूटिंग आउटडोर है तो वैनिटी वैन सिंगल डोर वाली होगी या डबल डोर वाली। यह इस बात पर निर्भर करता है कि एक्टर कौन है?

अगर शूटिंग के लिए मुंबई से कहीं बाहर जाना है तो प्रोडक्शन हाउस की तरफ से कार, ट्रेन और फ्लाइट से आने जाने की सुविधा होगी। किस एक्टर को फाइव स्टार होटल में ठहराया जाएगा और किसे नॉर्मल होटल में। यह भी कॉन्ट्रैक्ट में लिखा होता है।

कॉन्ट्रैक्ट में पेमेंट के अलावा यह भी लिखा होता है कि एक्टर 6 घंटे, 8 घंटे या 12 घंटे में शूटिंग के लिए कितना समय देगा। पेमेंट कितने दिन और कितने पार्ट में दिया जाएगा, कॉन्ट्रैक्ट में इसका भी जिक्र होता है। इन सबके के अलावा नो प्रेग्नेंसी क्लॉज, नोटिस पीरियड क्लॉज का भी जिक्र होता है।

अमर उपाध्याय ने शुरुआत में कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट में काम किया और इसी की बदौलत उनको पहला टीवी शो ‘देख भाई देख’ ऑफर हुआ था।

अमर उपाध्याय ने शुरुआत में कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट में काम किया और इसी की बदौलत उनको पहला टीवी शो ‘देख भाई देख’ ऑफर हुआ था।

कॉन्ट्रैक्ट को साइन करने से पहले पढ़ना बहुत जरूरी है- अमर उपाध्याय

अक्सर देखा गया है कि कोई भी एक्टर जब इंडस्ट्री में करियर की शुरुआत करता है तो इतना उत्साहित होता है कि वो कॉन्ट्रैक्ट ठीक से नहीं पढ़ाता है। अमर उपाध्याय इसका खमियाजा भुगत चुके हैं। वह कहते हैं- मैंने सबसे पहला कॉन्ट्रैक्ट एक होम एप्लायंस ऐड के लिए किया था। कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी, जब ऐड चलता रहा तो मैंने प्रोडक्शन हाउस से बात की। मुझे बताया गया कि यह तो लाइफटाइम चलेगा। मुझे लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ है। मैंने कॉन्ट्रैक्ट फिर से ध्यान से देखा, उसमें लाइफटाइम जैसी बात नहीं लिखी थी। इस तरह मुझे फंसा लिया गया।

बड़े स्टार्स का उनके हिसाब से कॉन्ट्रैक्ट बनता है

एडवोकेट और मीडिया एंटरटेनमेंट कानून विशेषज्ञ रोहित प्रधान ने बताया- तीन तरह के एक्टर्स होते हैं। जिनका अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट बनता है। पहले नए और छोटे एक्टर होते हैं। दूसरे थोड़े नाम वाले और तीसरे बड़े स्टार्स जिसमें शाहरुख और सलमान खान जैसे लोग शामिल हैं। प्रोडक्शन हाउस बड़े स्टार्स का बहुत ख्याल रखते हैं और कॉन्ट्रैक्ट उनके हिसाब से बनता है। इनके अलावा जो एक्टर्स हैं, उनको ध्यान रखना चाहिए कि रोल कैसा है। कितने दिनों की शूटिंग है और पेमेंट कैसे और कितने पार्ट में मिलेगा?

कॉन्ट्रैक्ट में प्रमोशनल एक्टिविटी भी शामिल होती है

कॉन्ट्रैक्ट में प्रमोशनल एक्टिविटी भी शामिल होती है। मसलन, फिल्म के रिलीज के समय एक्टर को प्रमोशन के लिए शॉपिंग मॉल्स, पॉडकास्ट या इंटरव्यू में जाना पड़ सकता है। मेरे हिसाब से कॉन्ट्रैक्ट में यह क्लॉज भी होना चाहिए कि अगर प्रमोशन के दौरान कोई घटना होती है तो उसका मुआवजा एक्टर को मिलना चाहिए।

कॉन्ट्रैक्ट में में टर्मिनेशन क्लॉज भी होता है। इसमें बताया जाता है कि अगर प्रोडक्शन हाउस एक्टर को बदलना चाहता है, तो इसके कारण और नोटिस पीरियड क्या होंगे। हर प्रोडक्शन हाउस की लीगल टीम होती है, जो समझौते बनाती है, और ये समय-समय पर बदलते रहते हैं।

अगर शूटिंग के दौरान कोई इंटिमेट सीन आता है, तो एक्टर या एक्ट्रेस से पहले सहमति ली जाती है। कॉन्ट्रैक्ट में यह क्लॉज होता है कि यदि कोई इंटिमेट सीन अचानक आए, तो पहले एक्टर को सूचित किया जाएगा। इसके बाद एक्टर या एक्ट्रेस को यह अधिकार होता है कि वह सीन करने से मना कर सकता है। प्रोडक्शन हाउस ऐसे सीन के लिए दबाव नहीं डाल सकता है। यह न केवल गलत है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है।

एक्टर्स के लिए पेमेंट के कई अलग-अलग तरीके होते हैं

फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर्स के लिए पेमेंट के कई अलग-अलग तरीके होते हैं, जो उनके काम के हिसाब से तय होते हैं। एक आम तरीका है इंस्टॉलमेंट पेमेंट, जिसमें एक बार में पूरा पैसा नहीं मिलता। शूटिंग शुरू होने पर कुछ पैसे मिलते हैं, फिर शूटिंग खत्म होने पर और जब फिल्म का प्रमोशन होता है, तो बाकी पैसे मिलते हैं। अगर पेमेंट में देरी हो, तो एक्टर्स पेनल्टी क्लेम कर सकते हैं।

कुछ प्रोडक्शन हाउसेस एक्टर्स को प्रॉफिट शेयरिंग का ऑफर भी देते हैं, जिसमें प्रॉफिट का कुछ प्रतिशत शामिल होता है। यह एक्टर्स और प्रोडक्शन हाउस आपस में मिलकर तय करते हैं।

सबसे ज्यादा विवाद वर्किंग ऑवर्स, वर्किंग कंडीशंस और टर्मिनेशन पर होता है

सेलिब्रिटी वकील सुविज्ञ विद्यार्थी ने बताया- एक्टर्स के कांट्रैक्ट में सबसे जरूरी बातें वर्किंग ऑवर्स, वेतन, टर्मिनेशन, काम की सिचुएशन और इंडेमनिटी की होती हैं। सबसे ज्यादा विवाद वर्किंग ऑवर्स, वर्किंग कंडीशंस और टर्मिनेशन पर होते हैं।

कांट्रैक्ट बनाने का प्रोसेस ये होता है कि पहले प्रोडक्शन हाउस ड्राफ्ट एग्रीमेंट भेजता है, जिसमें उनके टर्म्स होते हैं। फिर एक्टर की लीगल टीम इसे पढ़कर अपनी शर्तें जोड़ती है और दोनों मिलकर एग्रीमेंट पर साइन करते हैं। कभी-कभी चैनल के कुछ टर्म्स होते हैं जो बदलने की संभावना नहीं होती, लेकिन इंडस्ट्री में काम करने के लिए एक्टर्स को साइन करना पड़ता है।

प्रोडक्शन हाउस अक्सर कांट्रैक्ट की शर्तों का पालन नहीं करते। अक्सर पेमेंट में देरी होती है, GST पेमेंट में डिफॉल्ट होता है, वर्किंग ऑवर्स बहुत लंबे होते हैं, और बिना नोटिस के एक्टर्स को टर्मिनेट कर दिया जाता है।

नए एक्टर्स को कांट्रैक्ट्स की वजह से परेशानी होती है

कई बार छोटे या नए एक्टर्स को कांट्रैक्ट्स की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक बार एक टीवी शो के लीड एक्टर पर प्रोडक्शन हाउस ने 72 करोड़ की डिमांड कर दी थी, जबकि उस एक्टर की सैलरी एक लाख से भी कम थी।

कांट्रैक्ट्स के नियमों का पालन नहीं होता

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्रोडक्शन हाउस के लॉयर्स ही सबसे ज्यादा एकतरफा कांट्रैक्ट्स बनाते हैं। अगर कांट्रैक्ट्स के नियमों का पालन नहीं होता, तो एक्टर्स आर्बिट्रेशन कर सकते हैं या सिविल केस फाइल कर सकते हैं। कुछ मामलों में FIR भी हो सकती है। एक बार मैंने एक केस में ह्यूमन राइट्स कमीशन में शिकायत की थी, जिससे प्रोडक्शन हाउस के सेट पर सुधार हुआ और एक्टर्स को राहत मिली।

एक्टर्स को अपने अधिकार सुरक्षित रखने के लिए CINTAA (टेलीविजन कलाकारों की संस्था सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) से मदद लेनी चाहिए।

बॉलीवुड के इन एक्टर्स के कॉन्ट्रैक्ट में यह क्लॉज शामिल होता है

  • अक्षय कुमार के कॉन्ट्रैक्ट में यह बात साफ लिखा होता है कि 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। उन्हें हर रविवार छुट्टी चाहिए। ताकि परिवार के साथ समय बिता सकें।
  • सलमान खान के कॉन्ट्रैक्ट में सख्त क्लॉज होता है कि वह किसी भी अभिनेत्री के साथ इंटिमेट सीन नहीं करेंगे।
  • प्रियंका चोपड़ा फिल्म साइन करते वक्त यह शर्त रखती हैं कि वो फिल्मों में न्यूड सीन नहीं करेंगी।
  • करीना कपूर खान किसी फिल्म को साइन करते वक्त कॉन्ट्रैक्ट में लिखवाती हैं कि बेडरूम या किसिंग सीन नहीं करेंगी।
  • सोनाक्षी सिन्हा के कॉन्ट्रैक्ट में लिखा होता है कि फिल्मों लिप-लॉक सीन नहीं करेंगी। उन्हें ऐसे सीन करने में असहज महसूस होता है।
  • शाहरुख खान अपने कॉन्ट्रैक्ट में एक अजीब-सा क्लॉज लिखवाते हैं। क्लॉज ये है कि उनसे कोई भी फिल्म मेकर हॉर्स राइडिंग यानी घुड़सवारी नहीं करवाएगा।
  • आमिर खान ने अपने कॉन्ट्रैक्ट में नो लो एंगल शॉट का क्लॉज रखा है। उनका मानना है कि ऐसे शॉट्स से चेहरे की विशेषताएं कैमरे पर नजर नहीं आती हैं।
  • ऋतिक रोशन के कॉन्ट्रैक्ट के एक क्लॉज में लिखा होता है कि शूटिंग के दौरान अपने पर्सनल शेफ को साथ लेकर जाएंगे।
  • रवीना टंडन ने अपने फिल्मी करियर में एक नो किसिंग पॉलिसी अपनाई थी। उनके कॉन्ट्रैक्ट के एक क्लॉज में लिखा होता है कि कभी भी किसिंग सीन नहीं करेंगी।

शादी से पहले माधुरी दीक्षित को ‘नो प्रेग्नेंसी’ क्लॉज साइन करना पड़ा था

फिल्म ‘खलनायक’ की शूटिंग के दौरान सुभाष घई को लगा कि अगर उनकी फिल्म के बीच में ही माधुरी ने शादी कर ली या फिर वो प्रेग्नेंट हो गईं तो वो उनकी फिल्म बीच में छोड़कर चली जाएंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यही सोचकर सुभाष घई ने माधुरी से ‘नो प्रेग्नेंसी’ क्लॉज साइन करवाया था। इसके मुताबिक, फिल्म के शूट के दौरान अगर माधुरी प्रेग्नेंट होती हैं, उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।

ऐश्वर्या की प्रेग्नेंसी की बात पता चली तो मधुर भंडारकर ने फिल्म से निकाल दिया

मधुर भंडारकर ने ऐश्वर्या राय बच्चन को फिल्म ‘हीरोइन’ के लिए साइन किया था। जब मधुर को ऐश की प्रेग्नेंसी की बात पता चली तो वो बेहद नाराज हुए और उन्होंने ऐश्वर्या को फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मधुर का कहना था कि फिल्म में एक्ट्रेस को स्मोक करना था। लेकिन प्रेग्नेंट महिला के लिए स्मोकिंग ठीक नहीं। ऐसा भी हो सकता था कि ऐश कैमरे में स्मोक करने से मना कर देतीं। फिल्म में कई चीजें ऐसी थीं जो एक प्रेग्नेंट महिला को नुकसान पहुंचा सकती थीं।

फिल्म के मेकर्स ने करीना की डिलीवरी तक इंतजार किया

फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ की शूटिंग से पहले करीना प्रेग्नेंट हो गई थीं। करीना कपूर फिल्म छोड़ने तक को तैयार थीं। उन्होंने फिल्म के निर्माताओं से यह भी कह दिया था कि वे उनकी जगह किसी और हीरोइन को साइन कर लें। हालांकि मेकर्स ने फैसला किया कि वे करीना की डिलीवरी का इंतजार करेंगे।

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