3 मिनट पहले
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पंकज त्रिपाठी ने अपनी एक्टिंग और टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। फिल्मों में आने से पहले वह पटना में एक होटल में काम करते थे। उनका कहना है कि एक्टिंग से उनका प्यार तब और भी ज्यादा बढ़ा, जब उन्होंने ‘अंधा कानून’ फिल्म देखी थी। एक्टर ने यह भी बताया कि काफी संघर्ष के बाद उन्हें मौके मिले। हालांकि, उस दौरान उन्हें कभी भी फुटपाथ पर सोना या भूखा नहीं रहना पड़ा।
द लल्लनटॉप के साथ बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने अपने होटल के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा, ‘जिंदगी में कुछ भी बड़ा या छोटा काम नहीं होता है। ये आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे लेते हैं। फिल्मों में आने से पहले मैं पटना के एक होटल में काम करता था। वहां के स्टाफ से मेरे आज भी बहुत अच्छे संबंध हैं। वे सभी मेरे संपर्क में हैं। जब भी मैं वहां जाता हूं, तो लोग मुझसे कहते हैं कि हमने साथ में काम किया था।’
पंकज त्रिपाठी ने कहा, ‘जिस होटल में काम किया करता था। वहां स्टाफ पीछे के दरवाजे से एंट्री लेते थे, तो मैं भी वहीं से जाता था। लेकिन आज उसी होटल के मेन गेट से एंट्री मिली और मेरा स्वागत करने के लिए जर्नल मैनेजर वहां खड़ा था। उस पल ने मुझे भावुक कर दिया। तो ये सभी यादें एकदम से आपकी नजरों के सामने आ जाती हैं और मुझे यकीन दिलाती हैं कि जीवन में कुछ भी होना संभव है। मेहनत और ईमानदारी से आप अपने हर सपने को पूरा कर सकते हैं।’
इसके अलावा पंकज त्रिपाठी ने अपने संघर्षों के बारे में पीटीआई से बात करते हुए कहा था, ‘मैं रात में होटल के किचन में काम करता था और सुबह थिएटर करता था। रात की शिफ्ट खत्म होने के बाद मैं पांच घंटे सोता, फिर 2 से 7 बजे तक थिएटर करता और फिर 11 बजे से सुबह 7 बजे तक होटल का काम करता। मैंने ये दो साल तक किया।
बता दें, पंकज त्रिपाठी शुरुआती दौर में कई छोटे रोल किए। लेकिन उनके करियर में एक बड़ा बदलाव फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से आया, जिसके बाद हर जगह उनकी तारीफ होनी लगी। हाल ही में उन्हें फिल्म ‘स्त्री 2’ में भी देखा गया, जिसमें उनका काम सभी को पसंद आया था