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9 मिनट पहले

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एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने बताया है कि इंडस्ट्री में अधिक उम्र वाली एक्ट्रेसेस को साइडलाइन कर दिया जाता है। उन्हें फिल्मों में अच्छे रोल नहीं मिलते हैं। बस बहन या मां का किरदार ऑफर किया जाता है।

मनीषा ने यह भी खुलासा किया कि 2-3 बार राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का उन्हें इसलिए हिस्सा नहीं बनने दिया गया था क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। हालांकि मनीषा का कहना है कि वे तब काम करती रहेंगी, जब तक जिंदी रहेंगी।

महिलाओं को अधिक उम्र की वजह से ट्रोल किया जाता है

फ्री प्रेस जनरल के साथ बातचीत में मनीषा ने कहा- चाहे इंडस्ट्री में हो या कहीं और, महिलाओं के लिए उम्र बढ़ना एक मुद्दा है। हमें शर्मिंदा होना पड़ता है। मैंने कभी किसी ट्रोलर को किसी पुरुष को यह कहते नहीं सुना कि वह बूढ़ा हो गया है। लेकिन महिलाओं को इसके लिए ट्रोल किया जाता है।

मुझे याद है कि एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के लिए मुझे अधिक उम्र का हवाला देकर दरकिनार कर दिया गया था। उन लोगों ने मुझसे कहा था कि यह एक निश्चित ऐज वालों के लिए है। मैंने ऐसा कम से 2-3 राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के दौरान देखा है। अधिक उम्र की वजह से मुझे साइडलाइन कर दिया गया था। यह हमें प्रभावित करता है।

मनीषा बोलीं- जब तक जिंदा हूं, काम करती रहूंगी

मनीषा ने आगे कहा- हमें दुनिया को और खुद को यह दिखाने की जरूरत है कि 50 की उम्र के बाद भी हम कमाल कर सकते हैं। हम अभी भी एक शानदार जीवन जी सकते हैं। हम अभी भी अपने प्रोफेशन में अच्छे हो सकते हैं। हम अभी भी एक बहुत ही खुशहाल और हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। जब तक मैं जिंदा हूं, मैं काम करना चाहती हूं और हेल्दी रहना चाहती हूं। मैं सुदंर दिखना चाहती हूं।

बहुत से लोग सोचते हैं कि बूढ़ी हो गई है, वह किस तरह से काम कर सकती है? या सिर्फ बहन या मां वाले ही रोल ऑफर किए जाते हैं। महिलाएं पावरफुल रोल्स भी कर सकती हैं। वे शानदार, जिंदादिल और जोश से भरी हो सकती हैं। मुझसे पहले बहुत सी एक्ट्रेसेस ने ऐसा किया है और मैं भी ऐसा करना चाहती हूं। मेरे अंदर अभी भी और काम करने की भूख है। मैं एक कलाकार के तौर पर आगे बढ़ना चाहती हूं। ऐज सिर्फ एक नंबर है। 50 सिर्फ एक नंबर है और यह मुझे नहीं रोकेगा।

आखिरी बार सीरीज हीरामंडी में दिखी थीं मनीषा

मनीषा कोइराला ने सुभाष घई की फिल्म सौदागर (1991) से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वे 1942: ए लव स्टोरी (1994), बॉम्बे (1995), अग्नि साक्षी (1996), गुप्त: द हिडन ट्रुथ (1997), दिल से (1998) और कंपनी (2002) जैसी फिल्मों में दिखाई दीं। उन्हें आखिरी बार संजय लीला भंसाली की सीरीज हीरामंडी: द डायमंड बाजार (2024) में देखा गया था।

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