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17 मिनट पहले

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डायरेक्टर इंद्र कुमार ने खुलासा किया है कि 80 के दशक में माधुरी दीक्षित की कोई फिल्म नहीं चल रही थी। जिस फिल्म में वे नजर आतीं, वह फिल्म फ्लॉप हो जाती। इस वजह से इंडस्ट्री के लोग उन्हें मनहूस मानने लगे थे। डायरेक्टर्स उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने से कतराते थे।

सिद्धार्थ कानन को दिए इंटरव्यू में इंद्र कुमार ने कहा- उस समय आमिर खान के पास सिर्फ एक हिट फिल्म थी- कयामत से कयामत तक। जबकि माधुरी की एक भी फिल्म नहीं चली थी। उन्हें मनहूस कहा जाता था।

जब मैंने उन्हें आमिर खान के साथ फिल्म दिल में साइन किया तब भी सब ठीक था। लेकिन जब मैंने उन्हें फिल्म बेटा के लिए साइन किया तो सभी ने कहा- तुम पागल हो गए हो। इसकी कोई फिल्म नहीं चल रही है।

इंद्र कुमार ने माधुरी पर जताया था भरोसा

उन्होंने आगे बताया- उस समय तक एक इंटरव्यू आ चुका था जिसमें कहा गया था कि माधुरी एक मनहूस एक्ट्रेस हैं। वह जिस भी फिल्म में होती हैं, वह फ्लॉप हो जाती है। फिर भी मैंने 1988 में माधुरी के साथ फिल्म बेटा और दिल दोनों में काम करना शुरू कर दिया। मुझे उन पर भरोसा था। मेरा दिल कह रहा था कि यार इसमें बात है, कुछ है इसमें।

तेजाब और राम लखन की सफलता के बाद माधुरी हिट एक्ट्रेस बनीं

इंद्र कुमार ने यह भी बताया कि दो धमाकेदार हिट फिल्में, तेजाब और राम लखन देने के बाद उनका फ्लॉप टैग गायब हो गया। उन्होंने कहा- इसके बाद, मैं भी भाग्यशाली रहा। मैंने अक्टूबर में फिल्म शुरू की और दिसंबर 1988 में तेजाब रिलीज हुई और जनवरी 1989 में राम लखन रिलीज हुई। इस तरह माधुरी का फ्लॉप वाला टैग हट गया था।

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