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2 मिनट पहले

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दिलजीत दोसांझ ने एक बार फिर सरकार को ओपन चैलेंज दिया। साथ ही, उन्होंने मीडिया में अपने ‘शराब’ से जुड़े गाने गाने पर उठी बातों पर भी प्रतिक्रिया दी। हाल ही में, तेलंगाना सरकार ने उनके दिल लुमिनाटी टूर के दौरान शराब से जुड़े गानों पर आपत्ति जताई थी, खासकर ‘पटियाला पेग’ और ‘पंज तारा’ जैसे गानों को लेकर। सरकार ने दिलजीत से अनुरोध किया था कि वह इन गानों को अपने कॉन्सर्ट से बाहर रखें।

22 नवंबर को लखनऊ में परफॉर्म करते हुए दिलजीत ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘मेरा किसी के साथ कोई मुकाबला नहीं है, कोई ‘वर्सेस’ नहीं है। मैंने जबसे इंडिया टूर शुरू किया है, चाहे वो दिल्ली था, जयपुर था, हैदराबाद था, बहुत ही प्यारे लोग थे। अहमदाबाद और अब लखनऊ। मुझे लखनऊ आकर बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत प्यार मिल रहा है। थैंक्यू दोस्तों।’

फिर दिलजीत ने कहा, ‘कुछ दिन पहले वो मुझे चैलेंज दे रहे थे कि दिलजीत ‘शराब’ के बिना गाना हिट करके दिखाए। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरे बहुत सारे गाने हैं जो ‘पटियाला पेग’ से ज्यादा स्ट्रीम करते हैं स्पॉटिफाई पर। तो आपका जो चैलेंज है, वो वैसे ही बेकार हो गया है।’

‘मेरे पहले से ही बहुत सारे गाने हैं जो हिट हैं। ‘पटियाला पेग’ से बहुत ज्यादा। तो उसका जवाब तो ये रहा। दूसरा, मैं अपने गानों को डिफेंड नहीं कर रहा। मैं अपने आपको डिफेंड नहीं कर रहा। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि अगर आप सेंसरशिप लगाना चाहते हो गानों पर, तो वो सेंसरशिप भारतीय सिनेमा में भी होना चाहिए। राइट।’

दिलजीत ने कहा, ‘भारतीय सिनेमा में कौन सा बड़ा एक्टर है जिसने शराब पर गाना या फिर सीन नहीं किया है? है कोई याद आ रहा है? मेरे को तो कोई याद नहीं आ रहा है। तो अगर आपको सेंसरशिप लगानी है, तो प्लीज सब पर लगाओ। मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं। मैं बंद कर दूंगा उसी दिन से। सरकार को तो साइड में कर देते हैं। उन्होंने खुद कहा कि सरकार को रहने दो, तो रहने देते हैं। आप सेंसरशिप सेम लगा दो जो भारतीय सिनेमा में है, वही गानों में।’

‘कलाकार आपको सॉफ्ट टारगेट लगते हैं, इसलिए आप उन्हें छेड़ते हो। लेकिन आपको बता दूं कि जो मैंने फिल्में की हैं, उनको नेशनल अवॉर्ड भी मिला है, मेरी फिल्म को। तो हमारा काम सस्ता काम नहीं है। ऐसा नहीं होता कि हम लिख दें कि शराब सेहत के लिए हानिकारक है और हम गाना गाने लग जाएं। ये दोनों बातें सेम नहीं हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा लगेगा कि आप किसी खास बंदे को टारगेट कर रहे हो। तो अगर आपने ये गलत न्यूज फैलाई है, तो उसे कहते हैं… फेक न्यूज। और फेक न्यूज फैलाने से क्या वो मेरे चुभ गई है। बिल्कुल नहीं। क्या मैं गुस्सा हूं, क्या आपको लगता है मेरे चेहरे से। तो मैं नहीं हूं। ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि आप सही न्यूज फैलाएं। तो मैं भी आपको चैलेंज करता हूं कि सही न्यूज दिखाएं प्लीज।’

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